11 नवंबर को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए 10 कुकी उग्रवादियों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट (PM रिपोर्ट) सामने आ गई है। इसमें पता चला है कि ज्यादातर को पीछे से गोली मारी गई थी। सभी के सिर से लेकर पैर तक पूरे शरीर में गोलियां लगी हैं। कुछ को 10 से ज्यादा गोलियां लगी हैं।
इसके अलावा उनके शरीर पर कोई अन्य घाव या टॉर्चर के निशान नहीं हैं। हालांकि, चार शवों की एक-एक आंख गायब है। रिपोर्ट में बताया गया है कि जब शवों को असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (SMCH) में पोस्टमार्टम के लिए लाया गया तो ज्यादातर वर्दी और खाकी पोशाक में थे।
मणिपुर पुलिस ने बताया था कि 11 नवंबर को हाईटेक हथियारों से लैस कुछ वर्दीधारियों ने जिरीबाम में बोरोबेक्रा पुलिस स्टेशन और उससे सटे CRPF कैंप पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इसके बाद हुई मुठभेड़ में 10 आतंकवादी मारे गए थे। इनमें से एक नाबालिग था।
कुछ की 24 घंटे तो कुछ की 96 घंटे पहले मौत
रिपोर्ट में अहम बात यह भी सामने आई है कि मुठभेड़ के अगले दिन यानी 12 नवंबर को 6 लोगों के शव SMCH लाए गए थे। उनकी मौत का अनुमानित समय 24 से 36 घंटे पहले था। 14 नवंबर को 4 लोगों के शव लाए गए थे, जिनकी मौत का अनुमानित समय 72 से 96 घंटे पहले का था। ये 4 शव सड़ने लगे थे। जबकि एक की मौत का अनुमानित समय 48 से 72 घंटे पहले था।
मौत के करीब 1 महीने बाद 5 दिसंबर को अंतिम संस्कार होगा
कुकी समुदाय के प्रमुख संगठन इंडीजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम के प्रमुख ने बताया कि इन 10 युवकों के साथ दो अन्य कुकी पुरुषों का अंतिम संस्कार 5 दिसंबर को (मौत के करीब 24 दिन बाद) चुराचांदपुर में होगा।
इससे पहले फोरम ने कहा था कि अंतिम संस्कार तब तक नहीं होगा जब तक उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट परिवारों को नहीं सौंप दी जाती। फोरम ने यह भी दावा किया था कि मृतक गांव के वॉलेंटियर थे। शव 16 नवंबर को सिलचर से चुराचांदपुर एयरलिफ्ट किए गए थे और तभी से यानी करीब 15 दिन से स्थानीय अस्पताल की मॉर्चुरी में ही रखे हैं।
जिरिबाम से अगवा कर मारे गए मैतेइयों की PM रिपोर्ट...
27 नवंबर की PM रिपोर्ट: मुठभेड़ के कुछ समय बाद ही कुछ अन्य कुकी उग्रवादियों ने जिरिबाम के बोरोबेकरा रिलीफ कैंप पर हमला किया था। वे एक मैतेई परिवार के 6 लोगों को अगवा कर ले गए थे। इनमें 3 बच्चे और 3 महिलाएं शामिल थीं। करीब एक हफ्ते बाद 16 और 17 नवंबर को उनके शव जिरीबाम जिले की जिरी नदी और असम के कछार में बराक नदी में मिले थे। इनमें से 3 की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट 27 नवंबर को सामने आई थी, जिसमें दो बच्चे और एक महिला थे।
रिपोर्ट से पता चला था कि तीनों की मौत शव मिलने (16-17 नवंबर) के 3 से 5 दिन पहले हुई थी। तीनों शवों पर गोलियों के निशान और गंभीर चोटें पाई गई थीं, लेकिन 10 महीने के बच्चे के साथ सबसे ज्यादा बर्बरता की गई थी।
विधायक के घरों से लूटे डेढ़ करोड़ के जेवर
विधायकों के घरों पर हमले के दौरान 1.5 करोड़ रुपए के जेवर लूटे जाने की बात सामने आई थी। JDU विधायक के. जॉयकिशन सिंह की मां ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। तोड़फोड़ करने वाली भीड़ ने थांगमेइबंद इलाके में विधायक के आवास से 18 लाख रुपए नकद भी लूटे थे।
विस्थापितों के लिए रखा सामान भी नष्ट किया था। रिलीफ कैंप की वॉलंटियर सनयाई ने दावा किया था कि हिंसा के दौरान लॉकर, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान और फर्नीचर तोड़ दिया गया। भीड़ 7 गैस सिलेंडर ले गई। विस्थापितों के दस्तावेज नष्ट कर दिए। तीन AC (एयर कंडिशनर) भी ले जाने की कोशिश की गई थी।