नई दिल्ली: अगर आप किराए के लिए मकान या फ्लैट तलाश रहे हैं तो सावधान रहने की जरूरत है। कई जालसाज किराए पर मकान तलाश रहे लोगों को ठगने के लिए बैठे हैं। ऐसा ही अनुभव बेंगलुरु के एक इंजीनियर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स अपना अनुभव शेयर किया है। इसमें उन्होंने बताया है कि कैसे वह सतर्कता के चलते रेंटल स्कैम में फंसने से बचे।क्या है पूरा मामला?
स्पॉटड्राफ्ट (SpotDraft) कंपनी के सीनियर डायरेक्टर (प्रोडक्ट) रामनाथ शेनॉय ने रेंटल स्कैम से जुड़ा अपना अनुभव शेयर किया है। उन्होंने बताया कि वह बेंगलुरु में एक अपार्टमेंट की तलाश कर रहे थे। उन्होंने इसके लिए वेबसाइट 99acres का सहारा लिया। यहां उन्होंने अपनी पसंद के अपार्टमेंट के लिए चीजों को फिल्टर किया। इसमें यह भी शामिल था कि प्रॉपर्टी ऐसी जिसे सिर्फ मकान मालिक ने लिस्ट किया हो। यानी कोई डीलर या दलाल बीच में न हो।
इस दौरान उन्हें प्रेस्टीज पाइनवुड, कोरमंगला में एक 3BHK अपार्टमेंट पसंद आया। दो महीने की जमा राशि के साथ यह मात्र 30 हजार रुपये प्रति माह की कीमत पर था। शेनॉय ने उस फ्लैट के मालिक से संपर्क किया। उसने बताया कि वह काम के लिए मैंगलोर चला गया था और एक जिम्मेदार किराएदार की तलाश कर रहा था। जब शेनॉय ने उस अपार्टमेंट को देखने के लिए कहा तो मालिक ने कहा कि वह इसे केवल वीकेंड पर ही दिखा सकता है।
ऐसे हुआ संदेह
उस मालिक ने शेनॉय से कहा कि अगर वह इस अपार्टमेंट को किराए पर लेना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें 5 हजार रुपये टोकन राशि के रूप में जमा कराने होंगे। शेनॉय ने उस शख्स से पूछा कि वह मैंगलोर में वहां रह रहे हैं? क्योंकि शेनॉय खुद मैंगलोर से हैं। इसके बाद उस शख्स ने कुछ बनावटी नाम बताए। इससे शेनॉय को कुछ संदेह हुआ।इसके बाद शेनॉय ने पेमेंट के लिए उससे UPI आईडी मांगी। शेनॉय ने लिखा, 'UPI आईडी अजीब थी, जिससे मेरा संदेह और मजबूत हो गया।' डिटेल्स देने के बाद वह मालिक शेनॉय से पेमेंट करने के लिए लगातार कहता रहा। इसके बाद शेनॉय को अहसास हो गया कि वह शख्स मालिक नहीं बल्कि कोई धोखेबाज है।