क्या कहना है महिंद्रा का
महिंद्रा का कहना है कि गाड़ियों की अलग-अलग स्टाइलिंग भी उनकी विशिष्टता को दर्शाती है। महिंद्रा ने कहा, "महिंद्रा ने अपने इलेक्ट्रिक ओरिजिन एसयूवी पोर्टफोलियो के एक हिस्से 'BE 6e' के लिए क्लास 12 (व्हीकल) के तहत ट्रेडमार्क पंजीकरण के लिए आवेदन किया है। इसलिए हम कोई विरोध नहीं देखते हैं क्योंकि महिंद्रा का चिह्न 'BE 6e' है, न कि अकेला '6E'। यह मूल रूप से इंडिगो के '6E' से अलग है, जो एक एयरलाइन का प्रतिनिधित्व करता है, जिससे भ्रम का कोई खतरा नहीं रहता है... विशिष्ट स्टाइलिंग उनकी विशिष्टता पर और जोर देती है। हमने उन चिंताओं को ध्यान में रखा है जो इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड को उनकी ख्याति के उल्लंघन के बारे में हैं, जो हमारा इरादा नहीं था। हम एक सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने के लिए उनके साथ बातचीत कर रहे हैं।"
पहले भी कोर्ट पहुंची है इंडिगो
यह दूसरी बार है जब इंडिगो किसी कंपनी के साथ नाम को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रही है। 2015 में, टाटा मोटर्स के साथ भी इंडिगो का ट्रेडमार्क विवाद हुआ था। टाटा मोटर्स उस समय अपनी एक सेडान कार को 'इंडिगो' नाम से बेचती थी। इससे पहले भी इंडिगो टाटा मोटर्स के साथ नाम को लेकर कानूनी विवाद में उलझी थी। वर्ष 2015 में टाटा मोटर्स अपनी एक सेडान कार 'इंडिगो' नाम से बेचती थी।
बातचीत शुरू
इंडिगो के वकील संदीप सेठी ने अदालत को बताया कि महिंद्रा ने इस मामले को सुलझाने के लिए इंडिगो से बातचीत शुरू कर दी है।