ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली वर्जीनिया गिफ्रे की मौत हो गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक उसने आत्महत्या की। हालांकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। वर्जीनिया (41 साल) ने साल 2011 में अमेरिका के हाई प्रोफाइल वेश्यावृत्ति नेटवर्क का खुलासा कर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था।
वर्जीनिया कई साल से ऑस्ट्रेलिया में रह रही थीं और यौन उत्पीड़न का सामना करने वाली महिलाओं की वकील बन गई थीं। उनके परिवार ने बयान जारी कर कहा कि 'वर्जीनिया ने अपने फार्म पर आत्महत्या कर ली। वह जीवनभर शारीरिक शोषण और यौन तस्करी से जूझती रहीं।'
वर्जीनिया ने 2011 में एक इंटरव्यू में अपने साथ हुए यौन शोषण और तस्करी का खुलासा किया था। उसने कहा था कि जब वह सिर्फ 15 साल की थीं, तब एपस्टीन के नेटवर्क में फंस गई थीं। उसे कई प्रभावशाली और हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों के साथ यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया। इसी इंटरव्यू में वर्जीनिया ने ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू के साथ अपनी मुलाकातों का भी जिक्र किया था।
स्कूल बस ने मारी थी टक्कर, कहा था- अब 5 दिन ही जिंदा बच पाऊंगी
पिछले महीने वर्जीनिया ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया था कि उनके पास अब जीने के लिए सिर्फ 5 दिन बचे हैं। वर्जीनिया ने इंस्टाग्राम पोस्ट पर एक पोस्ट शेयर की थी, जिसमें उनके चेहरे पर चोटें नजर आई थीं। उन्होंने कहा कि वह मरने से पहले आखिरी बार अपने बच्चों को देखना चाहती हैं। उन्हें स्कूल बस ने टक्कर मार दी थी, जिसके बाद से वह किडनी फेलियर से जूझ रही हैं।
वर्जीनिया ने प्रिंस एंड्रयू के खिलाफ मुकदमा किया था
वर्जीनिया ने साल 2021 में ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू के खिलाफ मुकदमा भी दायर किया था। गिफ्रे ने आरोप लगाया था कि जब वो 17 साल की थीं, तब जेफ्री एपस्टीन उन्हें एंड्रयू के पास ले गए थे और प्रिंस ने उनका यौन शोषण किया था।
वर्जीनिया ने कहा था कि उसने प्रिंस एंड्रयू के साथ 3 बार यौन संबंध बनाए थे। पहली बार 2001 में लंदन यात्रा के दौरान। दूसरी बार एपस्टीन के न्यूयॉर्क वाले बंगले में और तीसरी बार अमेरिका के वर्जिन आइलैंड पर।
उन्होंने कहा कि पहली और दूसरी बार जब वो एंड्रयू से मिली थी तब उसकी उम्र महज 17 साल थी। वर्जीनिया के इस खुलासे के बाद प्रिंस एंड्रयू को शाही परिवार से बेदखल कर दिया गया था।
वर्जीनिया की वजह से एपस्टीन के खिलाफ मुकदमा शुरू हुआ
वर्जीनिया ने अमेरिका के कई बड़े अरबपतियों को लड़कियां मुहैया कराने वाले जेफ्री एपस्टीन के खिलाफ आवाज उठाई थी। वर्जीनिया की वजह से ही जेफ्री एपस्टीन के खिलाफ मुकदमा शुरू हो सका था।
वर्जीनिया ने ही जेफ्री के खिलाफ अदालत में गवाही दी और जेफ्री को वेश्यावृत्ति का नेटवर्क चलाने और बड़ी संख्या में महिलाओं के यौन शोषण और मानव तस्करी का दोषी ठहराया गया।
वर्जीनिया के खुलासे के बाद पकड़ा गया एपस्टीन, जेल में मौत
वर्जीनिया गिफ्रे के खुलासे के बाद बने दबाव के बीच साल 2019 में एपस्टीन को गिरफ्तार कर लिया गया। उस पर कई नाबालिग लड़कियों की तस्करी, यौन उत्पीड़न और जबरदस्ती के आरोप लगे। उसे न्यूयॉर्क की एक जेल में रखा गया।
10 अगस्त 2019 को उसकी जेल में संदिग्ध हालत में मौत हो गई। आधिकारिक तौर पर इसे ‘आत्महत्या’ माना गया, लेकिन कई लोगों का मानना है कि यह हत्या थी, क्योंकि एपस्टीन के पास कई हाई-प्रोफाइल लोगों के राज थे।
एपस्टीन के पास एक प्राइवेट प्लेन था। इसे ‘लोलिता एक्सप्रेस’ कहा जाता था। आरोप है कि नाबालिग लड़कियों को उसके प्राइवेट आइलैंड पर ले जाने के लिए इस प्लेन का इस्तेमाल होता था। एपस्टीन के इस आइलैंड का नाम लिटिल सेंट जेम्स है।