ईरान के बाद अब सऊदी अरब ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने की कोशिश शुरू की है। सऊदी अरब के बड़े अधिकारी ने न्यूज एजेंसी AFP से कहा कि भारत-पाकिस्तान दोनों देश सऊदी अरब के अहम सहयोगी रहे हैं। हम नहीं चाहते हैं कि स्थिति कंट्रोल से बाहर हो जाए। अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लेकर किंगडम बातचीत कर कर रहा है।
सऊदी विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान ने शुक्रवार को अपने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार से अलग-अलग फोन पर बातचीत की थी। जयशंकर ने अल सऊद को हमले और इसके सीमापार संबंधों के बारे में जानकारी दी।
इससे पहले ईरान ने शुक्रवार को भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी। ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने कहा था कि तेहरान इस मुश्किल समय में बेहतर अंडरस्टैंडिंग बनाने के लिए इस्लामाबाद और नई दिल्ली में अपने ऑफिस का इस्तेमाल करने के लिए तैयार है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने तथ्यात्मक तौर पर गलत बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि कश्मीर का मुद्दा हजारों साल से चल रहा है, या शायद उससे भी ज्यादा समय से। यह एक बुरा हमला है। उस सीमा पर 1500 सालों से तनाव है।
ट्रम्प ने कहा- दोनों देशों के बीच ऐसा ही रहा है, लेकिन मुझे यकीन है कि वे इसे किसी न किसी तरह से सुलझा लेंगे। मैं दोनों नेताओं को जानता हूं। भारत-पाकिस्तान के बीच बहुत तनाव है लेकिन ये हमेशा से रहा है।
दरअसल, 1947 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के साथ ही भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच कश्मीर को लेकर विवाद चल रहा है।