UPI लाइट, वॉलेट से पेमेंट... यूजर्स को क्यों नहीं भा रहे यूपीआई के नए फीचर? जानें कहां आ रही है दिक्कत
Updated on
17-05-2025 12:22 PM
नई दिल्ली: क्या यूपीआई के नए फीचर्स वाकई काम कर रहे हैं? हाल के आंकड़े बताते हैं कि कई नए फीचर्स का उपयोग बहुत कम हो रहा है। इससे सवाल उठते हैं कि आखिर क्यों ये फीचर्स लोगों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
दरअसल, पिछले कुछ सालों में नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने कई नए फीचर्स उतारे हैं। इनमें यूपीआई लाइट, वॉलेट से पेमेंट, यूपीआई से होने वाले रेकरिंग पेमेंट, RuPay क्रेडिट कार्ड से यूपीआई और यूपीआई सर्कल शामिल हैं। इन सबका मकसद छोटे-मोटे ट्रांजैक्शन से बैंकिंग सिस्टम का बोझ कम करना और नेटवर्क को और तेज बनाना है। लेकिन, सिर्फ रिकरिंग पेमेंट्स और क्रेडिट कार्ड से यूपीआई में ही काफी ग्रोथ देखने को मिली है। बाकी फीचर्स ज्यादा पॉपुलर नहीं हो पाए हैं।
एक प्राइवेट बैंक के एक सीनियर बैंकर ने बताया कि वॉलेट-बेस्ड यूपीआई पेमेंट और यूपीआई लाइट से हर महीने करीब 10 करोड़ ट्रांजैक्शन होते हैं। ये ग्रोथ मेन UPI प्लैटफॉर्म के मुकाबले काफी धीमी है।
क्या है इन फीचर्स का फायदा?
इकॉनमिक टाइम्स के जुटाए डेटा के मुताबिक अप्रैल में करीब 12 करोड़ UPI ट्रांजैक्शन मोबाइल वॉलेट या प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPIs) से हुए। इनकी कुल वैल्यू करीब 4,000 करोड रुपये थी।
वॉलेट-बेस्ड UPI पेमेंट से ग्राहकों को यह फायदा होता है कि वे अपने मोबाइल वॉलेट से पेमेंट कर सकते हैं। इससे उनके बैंक स्टेटमेंट में ढेर सारी छोटी एंट्रीज नहीं आतीं। दूसरे बैंकर ने कहा, ये शुरुआती दिन हैं। एक बार जब मर्चेंट पेमेंट (दुकानदारों को भुगतान) और क्रेडिट फीचर्स को इसमें जोड़ा जाएगा, तो ट्रांजैक्शन की संख्या में काफी बढ़ोतरी होगी।
लाइट UPI कितना कामयाब?
यूपीआई लाइट में छोटे पेमेंट के लिए दूसरी बार वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं होती। इसमें हर महीने 8 से 9 करोड़ ट्रांजैक्शन होते हैं। यह कुल यूपीआई वॉल्यूम का सिर्फ 0.5-0.6% है। अप्रैल में अकेले UPI ने 17 अरब ट्रांजैक्शन रेकॉर्ड किए, जिनकी वैल्यू 23.9 लाख करोड़ रुपये थी। सितंबर 2022 में लॉन्च हुए यूपीआई लाइट का मकसद छोटे पेमेंट को आसान बनाना था। लेकिन इसके बारे में लोगों को कम जानकारी होने की वजह से ये ज्यादा पॉपुलर नहीं हो पाया।
क्या है यूपीआई सर्कल का हाल?
NPCI ने ऑफलाइन ट्रांजैक्शन के लिए UPI Lite X भी लॉन्च किया है। वहीं, पिछले साल ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में लॉन्च हुए UPI सर्कल से सेकेंडरी यूजर्स, जैसे बच्चे या घर के लोग प्राइमरी यूजर के अकाउंट से पेमेंट कर सकते हैं। इसके साथ ही फ्रॉड से भी बचाव रहता है। लेकिन, इस पर अभी हर महीने कुछ लाख ही ट्रांजैक्शन हो रहे हैं।
क्या है RuPay कार्ड?
यह एक डेबिट या क्रेडिट कार्ड है जो भारत में बैंकों द्वारा RuPay भुगतान नेटवर्क के माध्यम से जारी किया जाता है। वीजा और मास्टरकार्ड की तरह, RuPay अपने आप में एक कार्ड नहीं बल्कि एक पेमेंट प्रोसेसिंग नेटवर्क है जो इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन को आसान बनाता है।
क्यों कतरा रही हैं कंपनियां?
जानकारों का कहना है कि जीरो मर्चेंट चार्ज यानी मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) की वजह से फिनटेक कंपनियां ज्यादा निवेश करने से कतरा रही हैं। एक बैंकर ने कहा, ज्यादातर बड़ी फिनटेक कंपनियां जीरो MDR की वजह से ज्यादा प्रमोशन या कैशबैक ऑफर नहीं दे रही हैं
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