इजराइल ने अपनी हिरासत में मौजूद स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को वापस स्वीडन भेज दिया है। ग्रेटा को फ्रांस जाने वाले एक फ्लाइट में बैठाया गया है, जहां से उन्हें भेजा जाएगा।
इजराइली सेना ने सोमवार को ग्रेटा और अन्य 11 साथियों को उनके मैडलीन नाम के जहाज समेत गाजा के तट के पास से अपने कब्जे में ले लिया था। जिसे बाद में इजराइल के अशदोद पोर्ट ले जाया गया। ग्रेटा 1 जून को इटली के तट से गाजा के लोगों के लिए राहत सामग्री लेकर रवाना हुई थीं।
नाव पर कब्जे के बाद इजराइल बोला- शो खत्म हुआ
इजराइल के विदेश मंत्रालय ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें ग्रेटा थनबर्ग और उनके साथियों को इजराइली नौसेना इजराइल ले जा रही है।
विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तंज कसते हुए लिखा- ‘सेल्फी यॉट’ के सभी यात्री ठीक और सुरक्षित हैं। उन्हें सैंडविच और पानी मुहैया कराया गया है। शो अब खत्म हो चुका है।
रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने ग्रेटा थनबर्ग और बाकी लोगों को हमास के 7 अक्टूबर 2023 के हमले का वीडियो दिखाने का आदेश दिया था।
तुर्किये, ईरान और स्पेन ने इजराइल की आलोचना की
तुर्किये ने मैडलीन जहाज के रोके जाने की निंदा की है। इस जहाज पर तुर्किये के एक कार्यकर्ता सुएब ओरडू भी सवार थे। विदेश मंत्रालय ने इजराइल के इस कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला उल्लंघन बताया और कहा कि इससे समुद्री सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हुआ है। मंत्रालय ने कहा कि ईरान एक ‘आतंकी राज्य’ की तरह बर्ताव कर रहा है। यह 12 सदस्यीय दल का एक हिस्सा है।
ईरान ने भी इस घटना की निंदा की है और इसे ‘समुद्री डकैती’ करार दिया है। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माईल बाकेई ने कहा कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में हुआ और इस कारण इसे समुद्री डकैती माना जाना चाहिए।
स्पेन ने भी इस घटना को लेकर आपत्ति जताई है। स्पेन के विदेश मंत्रालय ने इस घटना को लेकर इजराइल के राजनयिक को भी तलब किया है। दरअसल, इस जहाज पर एक स्पेनिश नागरिक सर्जियो टोरिबियो भी था।
गाजा जा रहा मैडलीन मिशन क्या है?
इजराइल ने 2 मार्च से गाजा में राहत सामग्री की एंट्री पर पूरी तरह रोक लगा रखी है, जिससे वहां 23 लाख लोगों में से 93% भुखमरी का सामना कर रहे हैं। दर्जनों बच्चे भूख से मर चुके हैं। मैडलीन जहाज का मकसद इन लोगों तक मदद पहुंचाना था।
यह यात्रा 'फ्रीडम फ्लोटिला' (FFC ) नाम के एक संगठन ने शुरू की थी, जो पहले भी गाजा को मदद पहुंचाने की कोशिश कर चुका है। ग्रेटा और उनका दल इजराइल की उस घेराबंदी का विरोध कर रहे हैं जो गाजा पर कई सालों से चल रही है।
FFC ने इसे एक शांतिपूर्ण नागरिक प्रतिरोध बताया था। उनके मुताबिक, जहाज पर सवार सभी कार्यकर्ता और चालक दल के सदस्य अहिंसा के सिद्धांत में प्रशिक्षित हैं और यह मिशन पूरी तरह से शांतिपूर्ण है।