समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के पहलगाम आतंकी हमले को लेकर दिए बयान पर पलटवार किया है। शुक्रवार को रामगोपाल ने दिल्ली में कहा, आतंकियों ने धर्म नहीं देखा। हिंदू रोज लोगों को मार रहे हैं। हिंदू-हिंदू को मार रहा है। मार रहे हैं कि नहीं मार रहे हैं? बनारस में हिंदू लड़की से तमाम लोगों ने रेप किया। लड़की हिंदू थी और लड़के हिंदू थे। कौन सा मुसलमान था?
जब देश एक हो गया है तो हिंदू-मुस्लिम खड़ा करना ठीक नहीं है। एक संगठन के नेता को इस तरह से बयान नहीं देना चाहिए। हमले में मुस्लिम भी मारे गए हैं। मुसलमानों ने कई पर्यटकों को बचाने का काम किया है, जो घायल थे, उन्हें अस्पताल पहुंचाया है।
मोहन भागवत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की थी। गुरुवार को कहा था, आतंकवादियों ने लोगों से उनका धर्म पूछने के बाद हत्या की। हिंदू कभी ऐसा नहीं करेगा।
रामगोपाल की 6 बड़ी बातें-
1- रॉबर्ट वाड्रा के बयान से कतई सहमत नहीं रामगोपाल यादव ने कहा, मैं रॉबर्ट वाड्रा के बयान से कतई सहमत नहीं हूं। दुख की घड़ी में जब देश एकजुटता की अपेक्षा करता है, तब इस तरह की टिप्पणियां स्थिति को और जटिल बनाती हैं। आतंकियों ने धर्म नहीं देखा, मारे गए हिंदू और मुस्लिम दोनों हैं। इस हमले को सांप्रदायिक रंग देना गलत है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद रॉबर्ट वाड्रा ने कहा था, धर्म और राजनीति को अलग होना चाहिए। अगर इसे नहीं रोका गया तो ये जो आतंकी हमला हुआ है, वो होता रहेगा। क्योंकि सबूत है कि उन्होंने आईडी देखकर गोली मारी। उन्हें मारना है या छोड़ना है, वो कहां से होता है। उनकी सोच है कि मुसलमानों को दबाया जा रहा है।
2- आज पूरा देश एक है,भाजपा हिंदू-मुस्लिम मुद्दा ढूंढ रही सपा सांसद ने कहा, दुख की बात है कि आज जब पूरा देश एक है तो भाजपा के कुछ लोग इस पर भी हिंदू-मुस्लिम मुद्दा ढूंढ रहे हैं। हमले में हिंदुओं के साथ मुसलमान भी मारे गए। मुसलमानों ने कई पर्यटकों को बचाने का काम किया, जो घायल थे, उन्हें अस्पताल पहुंचाया।
आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। लेकिन अफसोस की बात है कि कुछ लोग इसे भी राजनीतिक फायदा उठाने का जरिया बना रहे हैं। यही वजह है कि देश से आतंकवाद खत्म नहीं हो पा रहा है।
3- पहली बार आतंकियों के खिलाफ कश्मीरी सड़क पर उतरे रामगोपाल ने कहा, सरकार का यह एक्सप्लेनेशन पर्याप्त नहीं हैं, सभी जानते हैं कि अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है। अमरनाथ यात्रा से पहले आतंकी गड़बड़ी करते हैं। फोर्स तो वहां बहुत थी, लेकिन वहां से पांच-छह किलोमीटर दूर कुछ नहीं था।
फोर्स होनी चाहिए थी या जाने से रोकना चाहिए था। चूक तो हुई है, लेकिन घटना के बाद पहली बार कश्मीर में सभी लोग सड़क पर उतरे। घटना के खिलाफ इतिहास में पहली बार कश्मीरी भी सड़क पर उतरे हैं।
4- सरकार की नाक के नीचे हुआ हमला सपा सांसद ने पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले को इंटेलिजेंस की भारी चूक बताया। कहा, अमरनाथ यात्रा का बेस कैंप पहलगाम है और यहां हमले के बावजूद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट नहीं हो पाईं। यह गंभीर लापरवाही है। इससे साफ है कि आतंकियों के मन में अब कोई डर नहीं बचा। अगर सरकार में इच्छाशक्ति होती तो अब तक POK के आतंकी अड्डों पर एक्शन हो चुका होता। लेकिन सरकार अब भी मौन है।
संसदीय कार्य मंत्री ने इस बात को स्वीकार किया और सभी लोग जानते हैं कि पहलगाम पर्यटकों का पसंदीदा स्थल है। उसके आसपास की घाटियों में बड़े पैमाने पर लोग जाते हैं। कश्मीर में जितने पर्यटक जाते हैं, उसके 75 फीसदी लोग पहलगाम जाते हैं। सरकार का यह कहना है कि 20 तारीख के बाद जो लोग जाते हैं, उन्हें सूचना देनी चाहिए। इन लोगों ने होटल एजेंसी, पुलिस या सेना को पूरी जानकारी नहीं दी है।
5- सेना को POK भेजा जाए सपा का रुख स्पष्ट है। अब केवल निंदा नहीं, कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। अगर जरूरत पड़े तो भारत को सेना भेजकर पीओके में चल रहे आतंकी ठिकानों को खत्म करना चाहिए। हम बस बातें करते रहेंगे और आतंकी निर्दोषों की जान लेते रहेंगे। यह अब और नहीं चलेगा।
6- पाकिस्तान से बातचीत का कोई मतलब नहीं पाकिस्तान से बातचीत का कोई फायदा नहीं। ये हमला आर्टिकल 370 से नहीं, सीधे पाकिस्तान की साजिश से जुड़ा है। सभी जानते हैं कि आतंकवाद की जड़ वहीं है। अब कूटनीति नहीं, कार्रवाई का वक्त है।