भोपाल के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (क्राइम ब्रांच) के नाम और फोटो का इस्तेमाल कर फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाने वाले साइबर ठगों के खिलाफ क्राइम ब्रांच की साइबर टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने अलवर (राजस्थान) से गिरोह के दो सदस्यों को पकड़ा है, जिनमें एक नाबालिग और दूसरा पीओएस एजेंट शामिल है। गिरोह ने सिम कार्ड के फर्जीवाड़े के जरिए यह फर्जी प्रोफाइल तैयार की थी, जिसका इस्तेमाल लोगों को गुमराह करने और संभावित धोखाधड़ी के लिए किया जा रहा था।
ऐसे हुआ खुलासा शिकायतकर्ता ने पुलिस को सूचना दी थी कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त क्राइम ब्रांच भोपाल की फर्जी फेसबुक प्रोफाइल तैयार की है। मामला गंभीर होने के चलते क्राइम ब्रांच ने तत्काल एफआईआर दर्ज की और साइबर टीम ने जांच शुरू की। अपराध कायम कर मामला पंजीबद्ध किया गया।
ऐसे रची गई साजिश जांच में सामने आया कि यह एक संगठित साइबर गिरोह है। गिरोह ने सबसे पहले एक नाबालिग लड़के के नाम पर सिम कार्ड एक्टिवेट कराया। इसके लिए पीओएस एजेंट बीरबल प्रजापत ने नाबालिग को बहला-फुसलाकर 1500 रुपए दिए और उससे सिम एक्टिवेट करा ली। बाद में यही सिम 3000 रुपए में एक साइबर ठग को बेच दी। इसी सिम के माध्यम से फर्जी फेसबुक प्रोफाइल चलाई जा रही थी। साइबर टीम ने तकनीकी जानकारी के आधार पर राजस्थान के अलवर जिले में दबिश दी और लक्ष्मणगढ़ थाना क्षेत्र से आरोपी बीरबल प्रजापत (40 वर्ष) और नाबालिग को हिरासत में लिया। पूछताछ में दोनों ने अपराध कबूल कर लिया है।