हर बीतते दिन के बाद साथ बेटे को मिलने की उम्मीद खोती जा रही थी। हर आस खत्म हो रही थी, लेकिन भगवान ने चमत्कार कर दिया। स्वयं एक व्यक्ति ने कॉल कर मथुरा पुलिस को रक्षम उनके पास होने की जानकारी दी। मथुरा पुलिस ने खाटूश्याम पुलिस से संपर्क किया और बच्चा उनके पास होने की बात कही। यह जानकारी जब मुझे और परिवार को मिली तो यकीन नहीं हुआ।
बुधवार को पुलिस ने बच्चा हमारे सुपुर्द किया तब लगा भगवान ने मेरी हर एक मुराद पूरी कर दी। मेरा बेटा मेरे पास है, इससे ज्यादा मुझे कुछ भी नहीं चाहिए। चार दिन बाद उसने पहली बार मेरे हाथों से कुछ खाया है, मेरी खुशी का ठिकाना नहीं है। परिवार से अलग रहकर बच्चा बेहद कमजोर हो चुका है। पहले ही वह बीमार था, लेकिन जिसने उसे अपने पास रखा उन्होंने बेहद ख्याल रखने की कोशिश की। यही कारण है मेरा बेटा सही सलामत है। पुलिस ने उसका मेडिकल परीक्षण कराया है। कहीं कोई चोट के निशान नहीं हैं। हालांकि बच्चा गुमसुम है कुछ बोल नहीं रहा है।
700 सीसीटीवी फुटेज खंगाले
इधर मामले की जानकारी देते हुए सीकर पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव ने बताया कि 7 जून को मध्य प्रदेश के भोपाल जिले की रहने वाली ललित जाटव पत्नी अजय जाटव ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनके 3 साल के बेटे रक्षम का अपहरण हो गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और सीकर जिले सहित उत्तर प्रदेश के कई स्थानों के करीब 700 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज चेक किए। जांच में पता चला कि आरोपी मासूम बालक को उत्तर प्रदेश के वृंदावन के आसपास के इलाके में लेकर आया है।
सरपंच को बच्चा थमाकर आरोपी फरार
पुलिस टीम ने सूचना के आधार पर उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के शेरगढ़ थाना इलाके के स्यारहा गांव में दबिश दी और मासूम रक्षम को दस्तयाब कर लिया। आरोपी की पहचान होने पर उसने मासूम रक्षम को स्थानीय प्रधान या सरपंच को सुपुर्द कर दिया था और खुद फरार हो गया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस टीम जुटी हुई है और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। फिलहाल मासूम रक्षम को उसके माता-पिता को सुपुर्द कर दिया गया है और उन्हें सौंप दिया गया है।
कैसे हुआ था बच्चे का अपहरण? पुलिस ने बताया कि 6 जून को निर्जला एकादशी के दिन रक्षम अपनी मां और नानी के साथ खाटूश्यामजी आया था। मां और नानी ने बच्चे की खराब तबीयत और तेज धूप को देखते हुए एक अनजान व्यक्ति को सौंप दिया था। लेकिन जब परिजन वापस आए तो बच्चा और अनजान व्यक्ति दोनों गायब थे। इसके बाद उन्होंने पुलिस को जानकारी देकर मामला दर्ज कराया था। यह अनजान व्यक्ति जयपुर से ट्रेन में उनके साथ आया था, जिससे अच्छी बोलचाल हो गई थी। भरोसा करके उन्हें बच्चे को उन्हें सौंपा था, लेकिन वो उसे लेकर फरार हो गया था।