कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में मंगलवार को 132 आवेदन पहुंचे। अधिकतर लोग ऐसे थे, जो पिछले कई महीनों से सिर्फ जनसुनवाई का चक्कर काट रहे हैं। लोगों का कहना था कि वे चार से पांच बार जनसुनवाई में आ चुके हैं, लेकिन समाधान नहीं हो रहा है।
अशोका गार्डन स्थित नवाब कॉलोनी के रहने वाले हफीज खान ने बताया कि 1998 में नवाब कॉलोनी में उनकी मां ने एक प्लॉट नवाब खान से खरीदा था, जिसका अनुबंध हुआ था। लेकिन नवाब खान ने धोखे से उनकी मां के नाम रजिस्ट्री नहीं करते हुए किसी अन्य व्यक्ति, पुरुषोत्तम अग्रवाल, को बेच दिया और रजिस्ट्री करवा दी।
मामला कोर्ट में चल रहा है। इसी बीच 2024 में बदमाश फहीम बम ने कोर्ट में मामला चलते हुए ही फर्जी रजिस्ट्री किसी अकरम शेख के नाम कर दी और प्लॉट में तोड़-फोड़ करने लगे। इसका विरोध करने जब उनका बेटा आजम हफीज पहुंचा, तो बदमाशों ने पूरे परिवार पर हमला कर दिया। इस हमले में आजम हफीज का बायां हाथ भी फ्रैक्चर हो गया। हफीज खान का कहना है कि शासन रजिस्ट्री की ठीक से जांच कराए। उनके परिवार को जान का खतरा है, इसलिए पुलिस सुरक्षा दी जाए।
कॉलेज ने नहीं भरा एग्जाम फॉर्म मिलेनियम कॉलेज ऑफ नर्सिंग में पढ़ने वाले तीन छात्र जनसुनवाई में पहुंचे। उनका कहना था कि वे आधी फीस जमा करने में असफल रहे। इसके चलते कॉलेज ने उनका एग्जाम फॉर्म ही नहीं भरा। पूरी फीस जमा नहीं होने के कारण उनका एक साल बर्बाद हो गया। मंगलवार को उनका पहला एग्जाम था, लेकिन फॉर्म नहीं भरा होने के कारण वे एग्जाम में बैठ ही नहीं पाए।
स्कूल के रास्ते में मकान निर्माण रातीबढ़ के पास स्थित समसगढ़ के रहने वाले विनोद मालवीय का कहना है कि खसरा नंबर 58 राजस्व रिकॉर्ड में शासकीय भूमि के तौर पर दर्ज है। लेकिन प्रकाश ने प्रधानमंत्री आवास योजना से मिली राशि का इस्तेमाल करते हुए मकान बनाना शुरू कर दिया है। इसी जमीन से होकर गांव का रास्ता जाता है और शिक्षा गारंटी स्कूल का रास्ता भी यहीं से है।