भोपाल। दक्षिण-पश्चिम मानसून अभी की स्थिर बना हुआ है। उधर दक्षिणी ओडिशा और उससे लगे आंध्रा प्रदेश पर बना चक्रवात ओडिशा से छत्तीसगढ़ की तरफ बढ़ने के बजाए तेलंगाना एवं उससे लगे कर्नाटक की तरफ पहुंच गया है। कर्नाटक से आंध्र प्रदेश के उत्तरी तट तक एक द्रोणिका भी बनी हुई है।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इन दो मौसम प्रणालियों के असर से मानसून के 15-16 जून से आगे बढ़ने की संभावना बढ़ गई है। इसी क्रम में शनिवार से मध्य प्रदेश में भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम संभाग के जिलों में बारिश का सिलसिला शुरू होने के आसार हैं।18 जून तक प्रदेश में भी मानसून का प्रवेश हो सकता है। शुक्रवार को प्रदेश में सबसे अधिक 45 डिग्री सेल्सियस तापमान खजुराहो में दर्ज किया गया। खजुराहो एवं नर्मदापुरम में लू का प्रभाव रहा। गुना में 28 एवं धार में पांच मिलीमीटर बारिश हुई।
प्रदेश में शुरू होगा बारिश का सिलसिला
- मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी स्नेहिल सप्रे ने बताया कि वर्तमान में मानसून की उत्तरी सीमा मुंबई, अहिल्यानगर, आदिलाबाद, भवानीपटना, पुरी, बालुरघाट से होकर ही गुजर रही है। अगले दो दिनों के दौरान विदर्भ, छत्तीसगढ़, और ओडिशा के कुछ और हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने की संभावना है।
उत्तर-पश्चिमी राजस्थान एवं उसके आसपास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से मध्य प्रदेश, विदर्भ होते हुए मराठवाड़ा तक एक द्रोणिका बनी हुई है। अलग-अलग स्थानों पर बनी इन मौसम प्रणालियों के असर से कुछ नमी आने लगी है। इस वजह से शनिवार से प्रदेश में बारिश की गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है।इन संभागों में बारिश के आसार
- मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि तेलंगाना के पास बने चक्रवात और कर्नाटक से आंध्रा के तट तक बनी द्रोणिका के असर से अगले 48 घंटों के दौरान मानसून के आगे बढ़ने की संभावना बढ़ गई है। इस वजह से शनिवार से मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर रुक-रुककर बारिश का सिलसिला शुरू हो सकता है।
- विशेषकर इंदौर, नर्मदापुरम एवं भोपाल संभाग के जिलों में अच्छी बारिश हो सकती है। इससे दिन के तापमान में भी कुछ गिरावट होने से तपिश से कुछ राहत मिल सकती है।