हेमंत सोरेन के सीएम बनने के 7 दिन बाद गुरुवार को मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ, लेकिन विभाग का बंटवारा नहीं हो सका है। इसका मुख्य कारण कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की कथित चिट्ठी है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस नेता की कथित चिट्ठी ने सारा खेल बिगाड़ा और विभागों का बंटवारा होते-होते रह गया।
दरअसल, वेणुगोपाल ने सीएम हेमंत सोरेन के नाम चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने साफ लिखा कि कांग्रेस के किस मंत्री को कौन-सा विभाग दिया जाए। इस चिट्ठी की कॉपी प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश को भी भेजी गई। प्रदेश अध्यक्ष ने चिट्ठी मिलने की पुष्टि भी की।
सूत्रों के मुताबिक, चिट्ठी के वायरल होने के बाद सरकार के भीतर ही चर्चा होने लगी। कई तरह के कयास लगाए जाने लगे। इसके बाद कांग्रेस ने ही सीएम को विभागों का बंटवारा नहीं करने का सुझाव दिया। बताया जा रहा है कि अब मंत्रियों के विभागों में फेरबदल करके विभागों का बंटवारा किया जाएगा।
आज विभागों का बंटवारा संभव
गुरुवार देर रात चल ऊहापोह की स्थिति बनी रही। इधर, आज हेमंत कैबिनेट की बैठक तीन बजे से होने वाली है। संभावना है कि कांग्रेस के विभागों में फेरबदल हो सकता है। किसे कौन सा विभाग दिया जाए, इस पर मंथन जारी है। संभावना है कि आज विभागों का बंटवारा हो जाए।
वायरल पत्र के मुताबिक, कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सीएम हेमंत सोरेन को जिन विभागों को कांग्रेस को देने को कहा है, वे सारे विभाग कांग्रेस के खाते के हैं, जो उन्हें पिछली सरकार में मिले थे।
किन्हें कौन सा विभाग देने का सुझाव
मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा संथाल को जगह
हेमंत सोरेन की कैबिनेट में सबसे ज्यादा संथाल प्रमंडल को जगह मिली है। सीएम खुद संथाल परगना क्षेत्र के बरहेट से विधायक हैं। इसके अलावा हफीजुल हसन, इरफान अंसारी, दीपिका पांडे सिंह और संजय प्रसाद यादव को मंत्री बनाया गया है।
उत्तरी छोटानागपुर से योगेंद्र प्रसाद और सुदिव्य कुमार सोनू को मंत्री बनाया गया है। दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल की बात करें तो यहां से चमरा लिंडा और शिल्पी नेहा तिर्की, कोल्हान प्रमंडल से रामदास सोरेन और दीपक बिरुआ को मंत्री बनाया गया है। वहीं, पलामू प्रमंडल से एकमात्र मंत्री राधा कृष्ण किशोर हैं।
ये भी जानना जरूरी
मंत्रिमंडल में जेएमएम ने सबसे ज्यादा अनुसूचित जनजाति पर फोकस किया है। वहीं कांग्रेस ने अल्पसंख्यक, एसटी, एससी और ओबीसी को ध्यान में रखकर मंत्रियों का चयन किया है। 11 मंत्रियों में आदिवासी और ओबीसी से 4-4, मुस्लिम से दो और एससी कोटे से एक शामिल हैं।
राज्य गठन के बाद पहली बार नई सरकार में फारवर्ड कोटे से एक भी मंत्री नहीं है। हालांकि, राज्य सरकार अधिकतम 12 विधायकों को मंत्री बना सकती है। एक सीट अभी खाली है।