राजधानी में मुख्य सड़कों पर सर्विस रोड की कमी है। नियमानुसार 80 फीट से चौड़ी सड़कों के दोनों तरफ सर्विस रोड होनी चाहिए। 80 फीट से कम चौड़ी ऐसी सड़कें, जिनके आसपास कॉलोनियां और कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, वहां भी सर्विस रोड बनाई जानी चाहिए।
शहर में 700 किलोमीटर मेन रोड हैं। टाउन प्लानर्स के मुताबिक इस हिसाब से शहर में करीब 800 किलोमीटर सर्विस रोड की जरूरत है। यानी, मेन के दोनों ओर 400-400 किलोमीटर सर्विस रोड की जरूरत है। लेकिन, शहर में महज 200 किलोमीटर यानी मेन रोड के दोनों ओर मिलाकर 100-100 किलोमीटर सर्विस रोड हैं। इससे ब्लैक स्पॉट बनने के साथ-साथ हादसों का खतरा बना रहता है।
बता दें कि शहर की 200 किलोमीटर लंबी सड़क में से 100 किलोमीटर सर्विस रोड ऐसी हैं, जहां स्थाई और अस्थाई अतिक्रमण हो चुका है। इसके अलावा करीब 40 किलोमीटर सड़क जर्जर हो चुकी है। इसके अलावा इन सर्विस रोड पर चलने वाली बारात जाम का एक बड़ा कारण बनती हैं।
जब बारात सर्विस रोड पर रहती है, तो वाहन मेन रोड पर पार्क होना शुरू हो जाते हैं। इसके चलते वाहन चालकों को परेशानी तो हो ही रही है, कई बार हादसे भी हो जाते हैं। शहर के कुछ व्यस्त इलाकों में सर्विस रोड की क्या स्थिति है,
आरकेएमपी रेलवे स्टेशन : होशंगाबाद रोड पर आरकेएमपी रेलवे स्टेशन के एक नंबर एंट्री की ओर नई सर्विस रोड का निर्माण किया गया है। इस सर्विस रोड पर ठेले वालों और वाहनों की पार्किंग ने कब्जा जमा लिया है। शाम के बाद से इस सर्विस रोड पर भारी जाम लगता है और दोपहिया वाहनों को भी निकलने की जगह नहीं मिलती है।
बैरागढ़ रोड : लालघाटी से बैरागढ़ की ओर कई मैरिज गर्डन और लॉन हैं। यहां सर्विस रोड नहीं होने से जाम लगता है। बारात मेन रोड पर चलती है। वाहन तक मेन रोड पर पार्क होते हैं। बारात और पार्किंग दोनों मेन रोड पर होने पर यहां ट्रैफिक का दबाव बढ़ जाता है।
होशंगाबाद रोड : एम्प्री से मिसरोद तक बनी सर्विस रोड पर करीब 14 मैरिज गार्डन हैं। यहां बारात पूरी सर्विस रोड को घेर कर चलती है। ऐसे में पीछे आ रहे लोगों को या तो सीधे मेन रोड पर आना पड़ता है। या फिर घंटों जाम में फंसकर इंतजार करना पड़ता है। सर्विस रोड भरी होने के कारण इन बारातियों या दुकानों पर सामान खरीदने आने वाले लोगों अपने वाहन मेन रोड पर ही पार्क कर देते हैं।
रायसेन रोड : यहां जेके रोड के आगे से पिपलानी तक सर्विस रोड बनी है। लेकिन 70 प्रतिशत सड़क पर अतिक्रमण है। 20 प्रतिशत सड़क जर्जर है। यानी सिर्फ 10 प्रतिशत सड़क ही लोगों के चलने के लिए ठीक हैं।
यहां पर सर्विस रोड की खल रही कमी लिंक रोड : 1 बोर्ड ऑफिस से न्यू मार्केट तक लिंक रोड नंबर-1 पर सर्विस रोड की अधिक जरूरत है। सड़क चौड़ी होने के कारण वाहनों की रफ्तार तेज रहती है। ऐसे में सीधे मेन रोड पर आने में खतरा रहता है। सर्विस रोड के होने से लोगों को सीधे मेन रोड पर आने से रोका जा सकेगा। इस रोड पर फुटपाथ है, जिसपर भी बोर्ड ऑफिस चौराहे से व्यापम तक पूरी तरह अतिक्रमण हो चुका है। 80 फीट रोड अशोका गार्डन : एक लेन के 30 से 40 फीट चौड़ा होने पर उसे मेन रोड माना जाता है। इस पूरे इलाके में लोगों को घर और दुकानें भी बनी हैं। ऐसे में यहां सबसे ज्यादा जरूरत सर्विस रोड की है। लेकिन यहां पूरी मेन रोड पर ही अतिक्रमण हो रखा है। प्रभात चौराहे से इस ओर बने नए नाले पर भी लोगों ने अतिक्रमण करना शुरू कर दिया है।
समाधान - प्राथमिकता के आधार पर बनाना होगी सर्विस रोड शहर में जरूरत के मुताबिक सर्विस रोड की कमी है। जो सर्विस रोड हैं वो जर्जर हैं। इनके जर्जर होने की वजह ड्रेनेज सिस्टम की कमी है। बारिश का पानी सड़कों पर भरता है और सड़कें बर्बाद हो जाती हैं। यही नहीं सड़कों पर अतिक्रमण भी परेशानी की वजह है, इस कारण भी वाहन चालक सर्विस रोड का उपयोग नहीं करते हैं। इससे मुख्य सड़क पर हादसों की आशंका रहती है और वाहनों की स्पीड भी कंप्रोमाइज होती है। जिस भी इलाके में नए सिरे से सड़कें बनाई जा रहीं हैं वहां सर्विस रोड बनाई जाना चाहिए। -डॉ. सिद्धार्थ रोकड़े, ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्ट एक्सपर्ट, मैनिट
रोड से अतिक्रमण हटाएंगे सर्विस रोड हमारी प्राथमिकता में हैं। जहां भी सर्विस रोड पर पानी जमा होता है, उन हिस्सों में पेवर्स लगाए जाएंगे। सर्विस रोड से कब्जे हटाएंगे । -हरेंद्र नारायण , कमिश्नर नगर निगम